निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।‘ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।

इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता जी की उदारता एवं स्पष्टवादिता की भावना छिपी हुई थी। वह सभी जीवो को समान मानते थे और उनका दुःख भी समझते थे| शेख अयाज़ के पिता एक दयालु व परोपकारी व्यक्ति थे। वे किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकते थे। वे अपनी भूल को तुरंत सुधाारने में विश्वास रखते थे। शेख अयाज के पिता में अन्य जीवों के लिए सम्मान की भावना थी। उन्हें लगा कि चींटी को बेघर करना अच्छी बात नहीं है। इसलिए वे उस चींटी को कुएँ पर छोड़ने जा रहे थे ताकि किसी पाप से बच सकें।


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